अदालत के खिलाफ एक वकील के क्या क्या कर्तव्य होते है ?
न्यायालय के विरुद्ध अधिवक्ता का यह कर्तव्य है कि वह न्यायालय और न्यायालय के न्यायाधीशों का सम्मान करे। उसे ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे न्यायालय के नियम-कायदों का उल्लंघन हो।
एक वकील को उस मामले से संबंधित न्यायाधीश के साथ संवाद नहीं करना चाहिए जो अभी भी अदालत में लंबित है क्योंकि यह अभ्यास करने के लिए अनैतिक है।
एक वकील को अदालत में अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करते हुए कोई भी अवैध काम करने से मना कर देना चाहिए। उसे अपने मुवक्किल को केस जीतने के लिए कोई भी गैरकानूनी काम करने से भी रोकना चाहिए।
किसी मामले में न्यायालय को संबोधित करते समय अधिवक्ता को उचित पोशाक में उपस्थित होना चाहिए।
एक वकील को उस अदालत में मुकदमा नहीं लड़ना चाहिए जहां न्यायाधीश वकील के संबंध में हो। रिश्ता कुछ भी हो चाहे वो खून का रिश्ता हो या कोई और रिश्ता।
अधिवक्ता को न्यायालय में कार्यवाही करते समय केवल गाउन पहनना चाहिए। उसे सार्वजनिक स्थानों पर गाउन और बैंड तब तक नहीं पहनना चाहिए जब तक कि वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा औपचारिक समारोह में न हो।